Uchchatan Mantra to Punish Dharma Virodhi Enemies
In this post, I have written about a most powerful Jain Uchchatan Mantra to punish and remove any cruel and Dharma Drohi or Dharma Virodhi enemy from the life and vicinity of the practitioner.
Dharma Drohi in the context of this Uchchatan Mantra means a most cruel, destructive, and unjust person who can be termed as a very Tansik and Aghori person.
This Uchchatan Mantra should only be used when there is no option left other than to use paranormal means to destroy this enemy.
The Mantra Vidhi for practicing this Shatru Uchchatan Mantra Prayog is given below.
1] The Mantra Experiment can be practiced on any day, at any time and there is no prescribed Puja-Vidhi or any other prescribed ritual for chanting this Mantra. There are also no specific rules regarding Disha, Aasan, Mala for chanting this Uchchatan Mantra.
2] The practitioner has to clench the fist of his right hand and then take the name of the enemy once and chant the Mantra given below for about 10 minutes. This should be done with intensity and will power by fully concentrating upon the Mantra.
3] Even though, this is a onetime Uchchatan Mantra Prayog, it can be practiced daily until the desired results are gained and the practitioner succeeds in fully getting rid of the targeted enemy.
Notes – You can see the Hindi language video of the Shatru Nashak Mantra on our YouTube Channel
More Mantras, Yantras and Remedies for removal of enemy related problems and dangers can be seen on in the sections on – Yantras and Mantra and Tantra for Enemies.
Dharma Drohi in the context of this Uchchatan Mantra means a most cruel, destructive, and unjust person who can be termed as a very Tansik and Aghori person.
This Uchchatan Mantra should only be used when there is no option left other than to use paranormal means to destroy this enemy.
The Mantra Vidhi for practicing this Shatru Uchchatan Mantra Prayog is given below.
1] The Mantra Experiment can be practiced on any day, at any time and there is no prescribed Puja-Vidhi or any other prescribed ritual for chanting this Mantra. There are also no specific rules regarding Disha, Aasan, Mala for chanting this Uchchatan Mantra.
2] The practitioner has to clench the fist of his right hand and then take the name of the enemy once and chant the Mantra given below for about 10 minutes. This should be done with intensity and will power by fully concentrating upon the Mantra.
मंत्र
ॐ ह्रीं अ सि आ उ सा सर्वदुष्टान स्तंभय स्तंभय मोहय मोहय मु कवत् कारय कारय अन्धय अन्धय ह्रीं दुष्टान् ठः ठः ||
Mantra
Om Hreem A Si Aa U Sa Sarvadushtaan Stambhaya Stambhaya Mohaya Mohaya Mu Kavat Kaaraya Kaaraya Aandhaya Aandhaya Hreem Dushtaan Thah Thah ||
Notes – You can see the Hindi language video of the Shatru Nashak Mantra on our YouTube Channel
More Mantras, Yantras and Remedies for removal of enemy related problems and dangers can be seen on in the sections on – Yantras and Mantra and Tantra for Enemies.
नीलजी ,देख लें "मु कवत कारय कारय" की जगह "मूकवत (=निशब्द /गूंगा जैसा )कारय कारय "तो नहीं है ?
ReplyDeleteउस ग्रंथ को फिर से चेक किया, मु शब्द को अलग ही लिखा है।
Delete🌺🌺🌺 श्री कार्यसिद्धि जंजीरा 🌺🌺🌺
ReplyDeleteॐ हनुमानवीर उजरागी रामकथा के अति अनुरागी !
हाथ गदा पगनी पगरागे , बालसखा सुग्रीव सभागे !
दीननदुख नित हरने वाले , श्रीरघुवररिद धरने वाले !
क्षमा करो सब अवगुन मेरे, मैं बालक अज्ञान है घेरे !
फजिरचढ़ाऊँ फूल चढ़ाऊँ सुहीसामल सिंदूर चढ़ाऊँ !
सत्तशपथ श्रीराम धराऊँ रामकथा का वचन निभाऊँ !
दारिद द्वेष विशेष विदारों वारिद मेरा तनिक विचारों !
आमयअमय अमंगलकारक साधनबाधन मूलहिंमारो ,
दोष ना छाड़ो एक हमारो , आकर दाकर मंसन सारों !
कृपाकरो प्रभु केसरीनंदन जय दीनदारी दुखविखंडन ,
सेलीसुगंधक पदपंकजधरि अंजनीदासकरे नितवंदन !
🌺🌺🌺🙏🏻अंजनीकुमार विरचित 🙏🏻🌺🌺🌺
प्रयोग विधि—-यह अत्यंत शक्तिशाली जंजीरा है अत: अत्यंत सावधानी से करें और निडर हों ,श्रद्धावान हो तभी करें । इसमें पहले दिन प्रभु श्री हनुमान जी के मंदिर में जाकर अपने घर या मंदिर में श्री अखण्ड रामायण करवाने का संकल्प करे ,अन्यथा कार्य नहीं होगा । ११ लाइन का यह जंजीरा अति तीव्र गति से कार्य करता है और असंभव भी संभव कर देता है । शुक्लपक्ष के मंगलवार को श्रीराम जी की पूजा करें । पूर्व दिशा में श्री हनुमान प्रभु के फोटो रख कर १०८ बार रोज़ प्रात:काल से 21 दिन तक प्रभु के सामने दीया और फल रख कर पाठ करें ।फल स्वयं या जिसके लिये कर रहे हों , खिला दें । ब्रम्हचर्य अनिवार्य । माँस,मदिरा , लहसून ,प्याज़ इत्यादि वर्जित । मनोकामना और अपनी श्रद्धा पर पूर्ण विश्वास रखें ।अंतिम दिन नज़दीक किसी मंदिर में प्रसाद, माला अवश्य चढ़ायें और मनोकामना पूर्ण होने पर ६ माह के अंदर श्री रामायण करवायें अन्यथा बड़ी परेशानियाँ आती हैं ।
जय सियाराम 🙏🏼
उच्चाटन तांत्रिक षट्कर्मो में से एक कर्म है ,जिसका अर्थ है चित्त का न लगना। यहां प्रस्तुत मन्त्र में दुष्ट शत्रु का स्तम्भन (शक्ति कुंठित करना ),मोहन (घबड़ा देना ),गूंगा करना और दृष्टिहीन करना प्रार्थित है।
ReplyDeleteशत्रु उच्चाटन के लिए देवी धूमावती का प्रसिद्ध मन्त्र है -ॐ धूं धूमावति "देवदत्तो "धावतीति स्वाहा। "देवदत्तो "के स्थान पर शत्रु का नाम लेकर एक लाख जप करें (लक्षं जपेतमहेशानि जगदुच्चाटनम चरेत )।
लघु मृत्युंजय मन्त्र भी प्रसिद्ध है,जिसे एक लाख जपा जाता है --ॐ जूं सः"अमुकं"उच्चाटय उच्चाटय सः जूं ॐ ।
Satyanidhi ji aap ko pranam, सर मैं तकरीबन 2 साल से बहुत परेशानी में हूं कैरियर, money और mindset दिक्कत चल रही है. उपरोक्त जवाब में जैसे आपने कहा कि चित् का ना लगना तो क्या इसका मतलब यह है कि अगर किसी ने आप पर उच्चाटन क्रिया कर रखी है तो आपका किसी भी काम में मन नहीं लगेगा kripya Meri samasya ka nidan Karen
Delete(१ )आप प्रतिदिन प्रातः स्नान और सूर्योपासना के बाद एक माला गायत्री मन्त्र की जपें। (२ )काली के मंदिर में जाएँ ,माँ काली की आराधना करें। किसी ने काला जादू या उच्चाटन क्रिया की हो ,तो माँ से उससे मुक्त करने की प्रार्थना करें। अष्टगंध या कुमकुम का टीका पहले माँ काली के चरणों में लगाएं और फिर अपने ललाट पर लगा लें। (३ )दुर्गा शाबर मन्त्र की एक माला का रोज जप करें। सभी कार्य सिद्ध होंगे,लक्ष्मी प्राप्ति ,नौकरी में उन्नति,व्यवसाय में वृद्धि होती है। मन्त्र --ॐ ह्रीं श्रीं चामुंडा सिंहवाहिनी। बीस -हस्ती भगवती,रत्न मंडित सोनन की माल। उत्तर पथ में आप बैठी ,हाथ सिद्ध वाचा ऋद्धि-सिद्धि। धन -धान्य देहि देहि ,कुरु कुरु स्वाहा।
Deleteधन्यवाद सत्यनिधि जी आपके द्वारा जनहित और मानव कल्याण की यह सेवा बहुत ही सराहनीय है मैं आपका तहे दिल से धन्यवाद करता हूं ! ऐसा लगता है कि साक्षात मां सरस्वती के द्वारा शुद्ध ज्ञान का प्रवाह आपसे लोगों की भलाई के लिए प्रस्तुत होता है
Deletemr neel. i have a question. can we write more than one name in the paper? answer me please.
ReplyDeleteIt would be better if you may inform to whose deity the mantra is for and its translation. I don't think is prudent to practice a mantra without this knowledge.
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