Chant Om Namah Shivaya on Mahashivaratri

This post of the Mahashivaratri is specially written for spiritually inclined people who do not wish to fast or perform a specific ritual or chant lengthy prayers, but still, wish to worship and meditate on Shiva in all his glory on this most auspicious and sacred occasion.

This year Mahashivaratri is on the 21st of Feb 2020, the Chaturdashi Tithi commences at 5.20 PM on the 21st and concludes at 7.02 PM on the 22nd of Feb.

Most Shiv Bhakts would no doubt have ear-marked this most sacred Tithi for special Prarthanas, Mantras, and ritual for worshiping their Ishta Devta.

Coming back to the first point, spiritually inclined people can also ear-mark Mahashivaratri as the day on which they commence a new beginning life for spiritual advancement and upliftment of their consciousness to higher levels of existence.


Importance of Chanting Om Namah Shivaya on Mahashivaratri

These spiritually inclined persons can chant the Mool Mantra of Lord Shiva – Om Namah Shivaya || ॐ नमः शिवाय ||

Many, people simply chant the Om Namah Shivaya || ॐ नमः शिवाय || Mantra mechanically as some sort of prayer to salute or adore Shiva for getting his blessings in order to get something, like money, wealth, love or any other thing desired by them.

The deeper meaning of this Shiva Mantra is that the practitioner is surrendering and merging his consciousness with Lord Shiva who is the inner or outer [meaning cosmic] consciousness that gives life to everything in the Universe.

The Mantra is contemplation or meditation on the “life or source energy” or the “Prana” that makes you or everything else in the Universe, including all the planets and stars contained in the Universe live.

The Mantra also symbolizes Panch Tatva or the 5 Elements – Prithvi, Jal, Vayu, Agni and Akash or Earth, Water, Air, Fire and the Sky that makeup everything contained in the Universe, including the human body.

If the practitioner starts chanting this Panchakshara or 5 words Shiva Mantra by truly understanding its real meaning, then it will bring a miraculous change in his thinking in a very short period of time. This change can happen even immediately, depending upon the main-set of the practitioner. This is one of the fastest and easiest methods of spiritual advancement.

Those people who wish to know about some specific Shiva Mantra for each of the 4 Prahar and Nishit Kaal of Mahashivaratri can refer to this post – Specific Shiva Mantra for Mahashivaratri

Practitioners of Kundalini Yoga can refer to this post on the Union of Shiva and Shakti – Kundalini Awakening on Mahashivaratri. This post can also be most useful for those on the path of spirituality and striving for Non-Dual Existence.

The importance and benefits of starting any form of worship of Lord Shiva on Mahashivratri can be seen here- The Benefits and Importance of Commencing Mantra Sadhanas on Mahashivaratri

Note- You can also check the sections of Shiva Mantras and Tantra for more Mantras and Prayers dedicated to Lord Shiva.

Comments

  1. सोमवार को शिव का प्रतीकात्मक दिन कहा गया है।इस दिन शिव की विशेष पूजा अर्चना का विधान है।
    हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि कहते हैं ।फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी पर पड़ने वाली
    शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है ।
    --शिव,दुर्गा,विष्णु,गणेश और सूर्य -ये पंचदेव कहलाते हैं ।इनकी पूजा हर कार्यों में अनिवार्य रूप से की जानी
    चाहिए।
    --शिव,गणेश और भैरव की पूजा में ध्यान रखें कि इस तीन देवों पर तुलसी न चढ़ाएं ।
    --केतकी,केवड़ा ,चम्पा के पुष्प शिवलिंग पर अर्पित नहीं करना चाहिए ।
    --भगवान् से कोई भी मनोकामना करने के बाद दक्षिणा अवश्य चढ़ानी चाहिए ।
    --शिवलिंग पर चढ़ने वाले विल्वपत्र को छह महीने तक बासी नहीं माना जाता।अतः इन्हे जल छिड़क कर पुनः
    शिवलिंग में चढ़ा सकते हैं ।
    --घर के मंदिर में सुबह शाम दीपक अवश्य जलाएं ।
    --भगवान के पूजन और आरती के बाद उसी स्थान पर तीन परिक्रमा अवश्य करनी चाहिए।सिव की आधी परिक्रमा
    करनी चाहिए ।
    --शिव पूजन में माँ पार्वती का पूजन अनिवार्य रूप से करें ।
    --शिवलिंग पर चढ़ाया हुआ प्रसाद ग्रहण नहीं किया जाता ।सामने रखा हुआ प्रसाद ले सकते हैं ।
    --इस पोस्ट में दिया हुआ "ॐ नमः शिवाय "मन्त्र अतुलनीय है ,महाशिवरात्रि पर इसका जप अवश्य करें ।
    --गुरु नहीं हैं ,तो इस दिन जगतगुरु शिव को गुरु बनाएं --
    (१)। पूजास्थल में आंखें बंद करके आराम से बैठ जायें।
    (२)भगवान शिव और माँ पार्वती की मूर्ति या चित्र के समक्ष पूजा करें और कहें हे शिव मै आप को अपना गुरु बनने का आग्रह कर रहा हूं। आप मुझे शिष्य के रूप में स्वीकार करें।
    (३)। दोनों ऊपर हाथ उठाकर ब्रह्मांड की तरफ देखते हुए 3 बार घोषणा करें। कहें- अखिल अंतरिक्ष साम्राज्य में मै घोषणा करता हूं कि शिव मेरे गुरु हैं ।मै उनका शिष्य हूं। शिव मेरे गुरु हैं मै उनका शिष्य हूं। शिव मेरे गुरु हैं मै उनका शिष्य हूं। तथास्तु। घोषणा दर्ज हो। हर हर महादेव।
    (४)इससे भगवान शिव अपनी ही तय शास्त्रीय व्यवस्था के अनुसार आग्रह करने वाले को शिष्य के रूप में स्वीकार कर लेते हैं। इसी कारण उसी दिन से जीवन बदलने लगता है।
    (५) शिव गुरु को साक्षी बनाकर शुरु किये कार्यों में रुकावटें नही आतीं। इसलिये जो भी काम करें उसके लिये भगवान शिव को पहले साक्षी बना लें। कहें- हे शिव आप मेरे गुरु हैं मै आपका शिष्य हूं आपको साक्षी बनाकर ये कार्य करने जा रहा हूं। इसकी सफलता के लिये मुझे दैवीय सहायता और सुरक्षा प्रदान करें।
    (६) प्रतिदिन शिव गुरु से कम से कम तीन बार कहें- हे शिव आप मेरे गुरु हैं मै आपका शिष्य हूं। मुझ शिष्य पर दया करें। हे शिव आप मेरे गुरु हैं मै आपका शिष्य हूं। मुझ शिष्य पर दया करें। हे शिव आप मेरे गुरु हैं मै आपका शिष्य हूं। मुझ शिष्य पर दया करें।
    (७) हर रोज शिव गुरु को नमन करें। इसके लिये शांत मन से कुछ मिनटों तक जपें- नमः शिवाय गुरुवे।
    (८)प्रतिदिन ॐ नमः शिवाय का यथाशक्ति जाप करें ।


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    1. नमस्ते गुरुजी,
      अगर हम भगवान शिव अपना गुरू बनाते है तो शिष्य होने के अनुसार हमे भविष्य में कुछ नियमो का पालन करना जरुरी है?

      Delete
    2. नमस्ते गुरुजी,

      अगर हम आपके बतायें हुये मार्गदर्शन अनुसार भगवान शिव को अपना गुरु बनाते हैं तो
      भविष्य में शिष्य होने के कारण हमें कोई नियमोका पालन करना जरुरी हैं ?


      धन्यवाद......!!

      Delete
  2. Satyanidhi sir you are amazing..I already feel like connected with god..the way you explain in depth, with so nicely explaination I guess anybody would want to start following whatever you explain..great work sir
    God bless u always

    ReplyDelete
  3. If the practitioner starts chanting this Panchakshara or 5 words Shiva Mantra by truly understanding its real meaning, then it will bring a miraculous change in his thinking in a very short period of time.

    So what exactly is the Panchakshara or 5 words Shiva Mantra?
    Can you post it?

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