Yantra Mantra for Ekakshi Nariyal
In this post, I have written about a Yantra – Mantra Prayog for making the Ekakshi Nariyal or the One-Eyed Coconut more effective and beneficial. The Ekakshi Nariyal as explained in earlier posts is a much prized Tantric item, which is primarily used in Tantric Experiments relating to money, prosperity, fame and fortune.
The Yantra shown in the image included in this post can be prepared on Silver or Gold and affixed on the Eakashi Nariyal.
The Mantra inscribed on the Yantra, given below should be chanted 12.500 times using a Rudraksha Japa Mala. This should be done by sitting down facing the east and keeping the Eakashi Nariyal in-front of you.
However, if you do not wish to make a Yantra, you can write the same Mantra on the Eakashi Nariyal with Ashtagandha Paste and then chant it 12,500 times.
Then, the Eakashi Nariyal should be kept in the Puja-Ghar or the place where cash and valuables are kept or in the granary. This is said to be effective in making sure that the owner never faces any money or food shortage or meets with any sort of calamity.
The Mantra given below is extremely beneficial in making the owner of the Eakashi Nariyal healthy, wealthy and fortunate if chanted 12,500 times on the day of Diwali. This should be done by sitting in-front of the Eakashi Nariyal, facing the East Direction in the Yogic Pose of Padmasana. Again a Rudraksha Counting Rosary is the preferred counting rosary.
The Yantra shown in the image included in this post can be prepared on Silver or Gold and affixed on the Eakashi Nariyal.
Yantra for Ekakshi Nariyal |
मंत्र
ॐ श्रीं क्लीं श्री देव्यै नमः कुरु कुरु ऋध्दि वृध्दि स्वाहा ||
Mantra
Om Shreem Kleem Shri Devyai Namah Kuru Kuru Riddhi Vriddhi Swaha ||
Then, the Eakashi Nariyal should be kept in the Puja-Ghar or the place where cash and valuables are kept or in the granary. This is said to be effective in making sure that the owner never faces any money or food shortage or meets with any sort of calamity.
The Mantra given below is extremely beneficial in making the owner of the Eakashi Nariyal healthy, wealthy and fortunate if chanted 12,500 times on the day of Diwali. This should be done by sitting in-front of the Eakashi Nariyal, facing the East Direction in the Yogic Pose of Padmasana. Again a Rudraksha Counting Rosary is the preferred counting rosary.
मंत्र
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं एकाक्षय भगवते विश्व रूपाय सर्व योगेश्वराय त्रैलोक्य नाथाय सर्व काम प्रदाय नमः ||
Mantra
Om Hreem Shreem Kleem Eakaakshaya Bhagavate Vishwa Rupaaya Sarva Yogeshvaraaya Trailokya Naathaaya Sarva Kaam Pradaaya Namah ||
अभिमंत्रित एकाक्षी नारियल सुख संपत्ति दायक है.
ReplyDeleteजटायुक्त नारियल पूजा,धार्मिक तथा मांगलिक कार्यों मे महत्वपूर्ण सामग्री है.इसके कुछ प्रयोग इस प्रकार हैं-
1.पारिवारिक,दांपत्य या आर्थिक परेशानियों को दूर करने के लिए ---एक चम्मच चमेली के तेल मे थोड़ा सिंदूर मिलाकर जटायुक्त नारियल पर स्वस्तिक का चिह्न बनाएँ और गुड़ चना के साथ हनुमान जी के मंदिर मे मूर्ति के चरणो मे अर्पित कर दें . ऋण मोचक मंगल स्तोत्र का पाठ करें .शीघ्र लाभ होगा .
2.यदि व्यापार मे लगातार हानि हो रही हो,तो गुरुवार को एक नारियल सवा मीटर पीले कपड़े मे लपेटें .. के साथ एक जोड़ा जनेऊ तथा कुछ मिष्ठान रखकर
विष्णु मंदिर मे संकल्प लेकर चढ़ा दें कि भगवान,विपदा से मुक्त करें .
----क्रमश:
(2)
ReplyDelete3.शनि,राहु,केतु आदि ग्रहों का प्रकोप हो ;ऊपरी बाधा हो,काम न बनता हो,मन मे अग्यात भय रहता हो,शत्रु द्वारा आप या पारिवारिक सदस्य पर किसी प्रकार की क्रिया किए जाने का संदेह हो ---शनिवार के दिन एक जलदार जटावाला नारियल लेकर काले कपड़े मे लपेटें .साथ मे 100 ग्राम उड़द व 100 ग्राम काले तिल व एक लोहे की कील भी रखें .अब इस पोटली को बहते जल मे प्रवाहित कर दें.
4.यदि कभी गंभीर विपत्ति आ जाए ,जिसके निराकरण का उपाय न सूझ रहा हो तो दो जटा वाले नारियल ,एक चुनरी,दीया बाती तेल धूप फूल,लेकर
दुर्गा मंदिर जाएँ..दीया जलाएँ,धूप दें,फूल . चढ़ाएँ. एक नारियल चुनरी मे लपेट कर कुछ दक्षिणा के साथ माता के चरणो मे अर्पित कर दें ."हुम फट" "बोलकर दूसरा नारियल फोड़ कर माता को
बलि दें ,इसे प्रसाद रूप मे लें.
Satya Nidhi ji kripya kar agar aapke paas hatha Jodi ko sidha karne ka mantra hai to den . Thanks
ReplyDeleteजोड़ी सिद्ध करने के संबंध मे जो जानकारी उपलब्ध है,वह इस प्रकार है-
ReplyDelete1.इसे रविवार के दिन प्राप्त करें .
2.एक थाली मे रखकर जल से धो लें . हो सके तो जल मे थोड़ा गंगाजल मिला लें .
3.वस्त्र से पोंच्छ लें ,पूजास्थल मे एक थाली / प्लेट मे रखें .
4.स्वयं आसन पर बैठ जाएँ .मृगच्छाला,कुशा या ऊन का आसन पवित्र होता है .
5.अब दीप (घी या तेल),धूप,अगरबत्ती जलाएँ ,तथा हत्था जोड़ी की ओर दिखाते हुए कहें-दीपम दर्शयामी /धूपम समर्पयामी .
6.एक माला"ओम किलि किलि स्वाहा " की जपे .
7.अब हत्था जोड़ी को दो सप्ताह के लिए तिल्ली के तेल मे डुबोकर रख दें .यह काफ़ी तेल पी जाएगी .
8.दो सप्ताह बाद निकाल कर एक प्लेट मे पूजस्थल मे रखें .दीप जलाएँ,धूप करें .गायत्री मंत्र की एक माला जपे.
9.इसे सिंदूर,कर्पूर,लौंग,इलायची,तुलसीदल के साथ चाँदी के डिब्बे मे रख दें .
Actually Jo hatha Jodi market mein available hai wah duplicate hai , Jo mujhe Mila hai wah bilkul bhi different hai AUR dekhne se lagta hai ki bina muscle ke arm forearm and hand ki bones jaisi hai ,uspar Kali haldi ka lape lagaya hua hai. Magar mujhe uska koi prabhav nahin mil Raha hai.
ReplyDeleteयह एक वानस्पतिक दुर्लभ जड़ी है.इसका लाभ मिलना चाहिए था . अगर लगता है कि शायद असली हो तो एक बार अभिमंत्रित कर के देख लें .
Delete